दर्द हो तेरा कि मेरा, या ज़माने का सही
आग कुछ तो हो कही, कुछ मै धुवां बन जाऊन्गा
’ मन ह्रिदय अनुभूति ’ का बस स्नेह मेरे पास है
तुझ तलक पहुन्चे तो थोडा सा दिया बन जाऊन्गा
मंगलवार, 31 मार्च 2009
हाल ?
हमसे मत पूछो , ज़माने का कोई हाल । लगता नहीं है देखके ? सब लोग हैं बेहाल !
आते हैं , जाते रहते हैं । हर सै कोई बवाल । फुर्सत मिली तो पूछेंगे । कैसे हैं हालचाल ।
फिलहाल उलझे बैठे हैं , ख़ुद का नहीं ख़याल । घेरे में लिए बैठे हैं , कितने तो हैं सवाल ।
तो क्या हुआ दुनिया नहीं , कोई मेरे पीछे ! मालूम मेरे पीछे है , उसका कोई जलाल ।
मालूम मेरे पीछे है , उसका कोई जलाल । बहुत खूब राज साहेब...वाह...और हाँ आज ब्लॉग पर आपकी फरमाईश पर मुम्बैया काफिये वाली ग़ज़ल पोस्ट की है , फुर्सत मिले तो पढियेगा... नीरज
"फिलहाल उलझे बैठे हैं , ख़ुद का नहीं ख़याल । घेरे में लिए बैठे हैं , कितने तो हैं सवाल । " ख्याल हम भी करते अपना...गर फुर्सत में होते कभी.... तेरी यादों के भंवर ने उलझाए रखा उम्र भर मुझको......"
पहले तो मैं आपका तहे दिल से शुक्रियादा करना चाहती हूँ की आपको मेरा खाना मसाला ब्लॉग पसंद आए ! क्या बात है एपी भी मेरे जैसे खाने के शौकीन है और यह बात तो और भी अच्छी लगी कि आपको खाना बनाना बेहद पसंद है ! बहुत कम मर्दों को खाना बनाना आता है! मेरे पापा इतने सुंदर खाना बनाते हैं कि होटल से भी की गुना अच्छा और मैंने अपने पापा मम्मी दोनों से ही सिखा है! मैं आपको माछेर झोल ज़रूर सिखाउंगी ! आपने बहुत ही सुन्दर लिखा है ! आप तो खाना बनाने के साथ साथ एक बहुत अच्छे लेखक भी है ! बहुत ही शानदार लिखा है आपने !
फिलहाल उलझे बैठे हैं , ख़ुद का नहीं ख़याल । घेरे में लिए बैठे हैं , कितने तो हैं सवाल । yahi haal hai aaj kal har kisika...swaal jawabon se bahar kahan hai zindagi..
दर्द तेरा हो कि मेरा या ज़माने का सही आग पाऊन्गा कहीन कुछ तो धुआन बन जाऊन्गा ’मन ह्रिदय अनुभूति ’का ही स्नेह हासिल है महज तुझ तलक पहुन्चे अगर थोडा दिया बन जाऊन्गा
filhaal ulje baithe hain.....
जवाब देंहटाएंIt's daily routine here. Very true.
मालूम मेरे पीछे है ,
जवाब देंहटाएंउसका कोई जलाल ।
बहुत खूब राज साहेब...वाह...और हाँ आज ब्लॉग पर आपकी फरमाईश पर मुम्बैया काफिये वाली ग़ज़ल पोस्ट की है , फुर्सत मिले तो पढियेगा...
नीरज
"फिलहाल उलझे बैठे हैं ,
जवाब देंहटाएंख़ुद का नहीं ख़याल ।
घेरे में लिए बैठे हैं ,
कितने तो हैं सवाल ।
" ख्याल हम भी करते अपना...गर फुर्सत में होते कभी....
तेरी यादों के भंवर ने उलझाए रखा उम्र भर मुझको......"
Regards
हमसे मत पूछो ,
जवाब देंहटाएंज़माने का कोई हाल ।
लगता नहीं है देखके ?
सब लोग हैं बेहाल !
सच ही कहा है आपने, सब परेशान पर इस परेशानी का हल किसी के पास नहीं और उससे भी मज़ेदार बात यह की आपकी परेशानी सुन कर हल और हिदायत भी देने से नहीं चूकते.
चन्द्र मोहन गुप्त
फिलहाल उलझे बैठे हैं ,
जवाब देंहटाएंख़ुद का नहीं ख़याल ।
घेरे में लिए बैठे हैं ,
कितने तो हैं सवाल ।
तो क्या हुआ दुनिया नहीं ,
कोई मेरे पीछे !
मालूम मेरे पीछे है ,
उसका कोई जलाल ।
बहोत सुंदर ......!!
ना कोई मलाल ,ना कोई सवाल
जवाब देंहटाएंना कोई ख्याल ,जमाने का हाल्
घेरे में लिए बैठे हैं ,
जवाब देंहटाएंकितने तो हैं सवाल ।
shayad aajtak har ek sawaal ke jawaab dhundh rahe hai....
sundar rachna....
पहले तो मैं आपका तहे दिल से शुक्रियादा करना चाहती हूँ की आपको मेरा खाना मसाला ब्लॉग पसंद आए ! क्या बात है एपी भी मेरे जैसे खाने के शौकीन है और यह बात तो और भी अच्छी लगी कि आपको खाना बनाना बेहद पसंद है ! बहुत कम मर्दों को खाना बनाना आता है! मेरे पापा इतने सुंदर खाना बनाते हैं कि होटल से भी की गुना अच्छा और मैंने अपने पापा मम्मी दोनों से ही सिखा है! मैं आपको माछेर झोल ज़रूर सिखाउंगी !
जवाब देंहटाएंआपने बहुत ही सुन्दर लिखा है ! आप तो खाना बनाने के साथ साथ एक बहुत अच्छे लेखक भी है ! बहुत ही शानदार लिखा है आपने !
फिलहाल उलझे बैठे हैं ,
जवाब देंहटाएंख़ुद का नहीं ख़याल ।
घेरे में लिए बैठे हैं ,
कितने तो हैं सवाल ।
yahi haal hai aaj kal har kisika...swaal jawabon se bahar kahan hai zindagi..