मंगलवार, 31 मार्च 2009

हाल ?




हमसे मत पूछो ,
ज़माने का कोई हाल ।
लगता नहीं है देखके ?
सब लोग हैं बेहाल !

आते हैं , जाते रहते हैं ।
हर सै कोई बवाल ।
फुर्सत मिली तो पूछेंगे ।
कैसे हैं हालचाल ।

फिलहाल उलझे बैठे हैं ,
ख़ुद का नहीं ख़याल ।
घेरे में लिए बैठे हैं ,
कितने तो हैं सवाल ।

तो क्या हुआ दुनिया नहीं ,
कोई मेरे पीछे !
मालूम मेरे पीछे है ,
उसका कोई जलाल ।

फ़िर क्या कोई मलाल,
तो फ़िर क्या कोई सवाल ??