दर्द हो तेरा कि मेरा, या ज़माने का सही
आग कुछ तो हो कही, कुछ मै धुवां बन जाऊन्गा
’ मन ह्रिदय अनुभूति ’ का बस स्नेह मेरे पास है
तुझ तलक पहुन्चे तो थोडा सा दिया बन जाऊन्गा
दर्द तेरा हो कि मेरा या ज़माने का सही आग पाऊन्गा कहीन कुछ तो धुआन बन जाऊन्गा ’मन ह्रिदय अनुभूति ’का ही स्नेह हासिल है महज तुझ तलक पहुन्चे अगर थोडा दिया बन जाऊन्गा
बधाई हो, प्यारी बिटिया है।
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